सवाल सिंपल है पर जवाब उतना सिंपल नहीं है.
ये सवाल सदियों पहले खुद बाली ने भी श्री राम से किया था. राम चंद्र जी ने बाली को समझाया. संभवतः बाली समझ गया तभी उसने अपने बेटे अंगद को भी श्री राम जी कि शरण में भेज दिया.
श्री राम और बाली की बातों को अगर संक्षिप्त में कहें तो श्री राम ने बाली को लड़ाई में हरा कर नहीं मारा था बल्कि उसकी गलतियों के लिए सजा दी थी. श्री राम बाली से लड़े नहीं क्योंकि बाली उस वक्त श्री राम का दुश्मन नहीं था और न ही वो एक legitimate राजा था जिस से श्री राम लड़ते. श्री राम मानते थे कि बाली ने जो गलतियाँ कीं थी उसके लिए वो सजाए मौत का हक़दार था. श्री राम को अपने मित्र सुग्रीव की मदद करनी थी और बाली को उसके किये कि सजा देनी थी. तरीका यह अपनाना पडा क्योंकि बाली श्रीराम के सामने आ नहीं रहा था और उससे संधि हो नहीं सकती थी क्योंकि बाली श्रीराम के मित्र का शत्रु था.
22 July 2011
22 July 2011
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